अंधेरी रात

 दिल कर रहा कुछ बातें करूँ तेरे साथ,
कुछ तुम बोलो, कुछ मैं बोलूँ, बैठे एक साथ।
बिना रंजिशें भरी एक शाम हो,
जो दिल में हो, लबों पे वही अरमान हो।
मैं बोलूं तुम मुस्कुराओ, सदिया कट जाए एक साथ।
बस कैसे भी कट जाए आज की अकेली अंधेरी रात,
कल मिलेंगे, सब छोड़ के पीछे, उस पर ॥

~~Rakshit


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