क्या क़सूर था मेरा ?

 क्या हूँ मैं इतना बुरा, की लोग दूर जाने लगे 

बातें पे मेरे अब घूम जाने लगे ॥

 क्या इतना बुरा ये दिल, जो  इसे दुखाने लगे 

सहना तो था लेकिन अब हम ही मुस्कुराने लगे ॥

अँधेरे में मुझे जो तुम नज़र आने लगे

 क्या कसूर था मेरा जो अब वो भी सताने लगे ॥

हक़ माँगा था थोड़ा खुदगर्ज कहलाने लगे

क्या कहूं तुझे किस कदर लोग दूर जाने लगे॥

~~Rakshit

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